Thursday, November 21, 2013

PRESS RELEASE HINDI 21.NOV.2013

प्रेस  विज्ञप्ति 

प्रो. जगदीश  मुखी, विधायक एवं पूर्व  वितत मंत्री, दिल्ली सरकार एवं भाजपा उम्मीदवार द्वारा आज अपनी जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र के वार्ड न. 118 के सी -2 ब्लाक में मतदाताओं से संपर्क हेतु पदयात्रा की गई जो गुरुद्वारा से होते हुए श्री गीता प्रचारिणी सनातन धर्म  मंदिर पर जाकर समाप्त हुई। पदयात्रा में प्रो मुखी  स्थानीय पार्षद श्रीमती रजनी ममतानी, मंडल अध्यक्ष श्री नवीन वाही और सी 2-ब्लाक की रेजिडेंट वेलफेयर के पदाधिकारीगण भी शामिल थे जिनमे सर्वश्री एस.के. चौधरी,श्री आर.डी. छोकरा, श्री अरविंद रोमित्रा, श्री प्रवीन गुलाटी आदि सहित युवा मोर्चा अध्यक्ष श्री अनिल के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के सैंकड़ो कार्यकर्ता शामिल थे। 

मतदाताओं एवं कार्यकर्ताओं को सम्भोधित करते हुए प्रो. मुखी ने  स्मरण करवाया कि हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने पवित्र यमुना नदी के मामले में दिल्ली सरकार कि कार्यप्रणाली पर पिछले 14 वर्षो से अधिक के कार्यकाल में अधिक 14 से अधिक बार चिंता प्रकट करते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाईं परन्तु सरकार ने कोई उपयुक्त कदम नही उठाए और अब यमुना पहेले से 14 गुणी अधिक मेली हो गयी है।  सुप्रीम कोर्ट ने  पहेले भी चिंता प्रकट करते हुए  कहा था कि यमुना को नदी कहना गलत है वह तो एक गन्दा नाला बनकर रह गयी है। हमारी महान पवित्र नदी यमुना के  गंदे नाले में परिवर्तित होने का पाप दिल्ली की शीला दिक्षित सरकार ने किया है।  राजधानी दिल्ली में बेहने वाली लगभग 22 किलोमीटर लम्बी यमुना अपनी कुल लम्बाई का मात्र दो फीसदी हिस्सा है,  जबकि इसके कुल प्रदूषण में दिल्ली की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है।  दिल्ली में प्रतिदिन 400-450 लाख लीटर मलयुक्त गंदा पानी घोषित तौर पर बगैर शोघन के यमुना में प्रवाहित होने के कारण इतनी गंदगी मृत यमुना को नाला बनाने के लिए काफी है। 

प्रो. मुखी ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने सैंकड़ो बार यमुना के शुद्धिकरण कि घोषणा की, विदेशों के चक्कर लगाए, हजारों करोड़ रुपए खर्च किए, नई नई योजनाएं बनाई परन्तु यमुना का पानी पीने के योग्य होना तो दूर, नहाने व स्पर्श करना भी बीमारियों को न्योता देना है।  यमुना के पानी में मछलियां व जलचर भी जीवित नही रह पाते।  यमुना में गंदे नालो को गिरने से रोकने के लिए कदम नही उठाये गए। गंदे नालो में लगने वाले ट्रीटमेंट प्लांट और सारे गंदे नालो को समानान्तर नहर द्वारा खेतों की ओर ले जाने वाली योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। दिल्ली सरकार कि इस आपराधिक लापरवाही से न केवल दिल्ली कि पौने दो करोड़ जनता के स्वास्थ से खिलवाड़ हो रहा है एवं दुनिया भर में भारत की नाक कट रही है। 

गंगा और यमुना भारत की संस्कृति के मानबिन्दु हैं।  यमुना सूर्य कि पुत्री, श्रीकृष्ण  की पटरानी और देश के पवित्रम् तीर्थो कि जननी है।  देश और विदेश के पर्यटक दिल्ली में यमुना के दर्शन के लिए आते हैं और यमुना कि दुर्दशा देखकर खून के आंसू रोते हैं। लगभग 3 हज़ार करोड़ रुपये दिल्ली सरकार द्वारा कर्च किये जा चुके हैं परन्तु नतीजा ढाक के तीन पात।

प्रो. मुखी ने कहा कि यमुना के प्रदुषण के पाप के लिए दिल्ली कि जनता दिल्ली सरकार को कभी माफ़ नहीं करेगी और आने वाले 4 दिसम्बर  को एक एक करके जवाब देगी।

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