प्रेस विज्ञप्ति
प्रो. जगदीश मुखी, विधायक एवं पूर्व वितत मंत्री, दिल्ली सरकार एवं भाजपा उम्मीदवार ने आज अपनी जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र के वार्ड न. 117, 118 के अंतर्गत तिहार जेल क्वार्टो एवं नारी निकेतन जनकपुरी एवं ए-1ए, ए-1बी तथा ए-1 ब्लाक में पदयात्रा समाप्त कर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को सम्बोधित किया। इस अवसर पर निगम पार्षद रजनी ममतानी और वहाँ के मंडल प्रधान श्री बलराज सोलंकी, श्री नवीन वाही एवं आर डब्लु ए के अध्यक्ष श्री जे.बी गुप्ता, श्री मोहन सेठ, सुनील अरोड़ा, श्री सुनील जिंदल एवं सेंकड़ों युवा कार्यकर्ता मौजूद थे। जेल क्वार्टर के सरकारी करमचारियों ने बड़े ही गरम जोशी से प्रो मुखी का स्वागत किया।
प्रो. जगदीश मुखी, विधायक एवं पूर्व वितत मंत्री, दिल्ली सरकार एवं भाजपा उम्मीदवार ने आज अपनी जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र के वार्ड न. 117, 118 के अंतर्गत तिहार जेल क्वार्टो एवं नारी निकेतन जनकपुरी एवं ए-1ए, ए-1बी तथा ए-1 ब्लाक में पदयात्रा समाप्त कर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को सम्बोधित किया। इस अवसर पर निगम पार्षद रजनी ममतानी और वहाँ के मंडल प्रधान श्री बलराज सोलंकी, श्री नवीन वाही एवं आर डब्लु ए के अध्यक्ष श्री जे.बी गुप्ता, श्री मोहन सेठ, सुनील अरोड़ा, श्री सुनील जिंदल एवं सेंकड़ों युवा कार्यकर्ता मौजूद थे। जेल क्वार्टर के सरकारी करमचारियों ने बड़े ही गरम जोशी से प्रो मुखी का स्वागत किया।
प्रो मुखी ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए दिल्ली सरकार के स्वास्थ सेवाओं के दावे को खोखला बताते हुए कहा कि 1998 में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 4879 बेड्स थे 2013 में 9700 है जबकि दिल्ली कि आबादी 2001 में 1 करोड़ 38 लाख थी और अब २ करोड़ है। अस्पतालों में मरीज़ दवाईयों के लिए धक्के खाते रहते हैं और एक ही बिस्तर पर 2 -2 मरीज़ होते हैं। दिल्ली में गत 5 वर्षों में दवाओँ के दाम में कितने प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आज दिल्ली में नकली दवाईयां खुले आम बेचीं जा रही हैं और सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। एक हज़ार लोगों के लिए 9 बिस्तर होने चाहिए दिल्ली सरकार के पास केवल 2.5 बिस्तर ही हैं और 10 हज़ार लोगों के लिए आज केवल 2 सरकारी डॉक्टर ही हैं। दिल्ली में गरीबी रेखा से नीचे गुज़र बसर करने वाले सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 4 लाख लोग हैं परन्तु दिल्ली सरकार कि स्वास्थ बीमा योजना में केवल 3578 परिवार ही कवर किए गए हैं और जिसके लिए केवल मात्र 4,39,199 रुपये का ही बजट लिया गया है।
प्रो मुखी ने कहा दिल्ली के निजी अस्पतालों में गराबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को मुफ्त में इलाज कि सुविधा नहीं दी जा रही है जबकि ओने-पोने दाम पर उन्हें भूमि दी गयी है। प्रो मुखी ने ये भी कहा दिल्ली सरकार ने जो कैट सेवा प्रारम्भ की थी वे भी दिल्ली कि सड़कों पर कहीं नज़र नहीं आती।
नरेंद्र चावला
मीडिया प्रभारी
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